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* Home * Aarti * Stories * Chalisa * Bhajan * Slokes * All Post * Home * Aarti * Stories * Chalisa * Bhajan * Slokes * All Post AD CODE TICKER श्रीरुद्राष्टकं ( तुलसीदास ) श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा Festival HAR GHAR TIRANGA Bhakti Sagar BHAKTI SAGAR एकादशी माता की आरती HARIYALI TEEJ IMPORTANCE, CELEBRATION, PUJA VIDHI वैशाख अमावस्या क्या है? (WHAT IS VAISHAKH AMAVASYA IN HINDI) अरदास मैं करा माँ लक्ष्मी के 108 नामावली POWERFUL MANTRAS - मंत्रो की शक्ति श्रीरुद्राष्टकं ( तुलसीदास ) श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा Festival HAR GHAR TIRANGA Bhakti Sagar BHAKTI SAGAR HomeBhakti Sagarश्री हनुमानजी के 10 रहस्य ...... श्री हनुमानजी के 10 रहस्य ...... webmaster Saturday, May 21, 2022 श्री हनुमानजी के 10 रहस्य ...... 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 हिन्दुओं के प्रमुख देवता हनुमानजी के बारे में कई रहस्य जो अभी तक छिपे हुए हैं। शास्त्रों अनुसार हनुमानजी इस धरती पर एक कल्प तक सशरीर रहेंगे। 1. हनुमानजी का जन्म स्थान 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 कर्नाटक के कोपल जिले में स्थित हम्पी के निकट बसे हुए ग्राम अनेगुंदी को रामायणकालीन किष्किंधा मानते हैं। तुंगभद्रा नदी को पार करने पर अनेगुंदी जाते समय मार्ग में पंपा सरोवर आता है। यहां स्थित एक पर्वत में शबरी गुफा है जिसके निकट शबरी के गुरु मतंग ऋषि के नाम पर प्रसिद्ध 'मतंगवन' था। हम्पी में ऋष्यमूक के राम मंदिर के पास स्थित पहाड़ी आज भी मतंग पर्वत के नाम से जानी जाती है। कहते हैं कि मतंग ऋषि के आश्रम में ही हनुमानजी का जन्म हआ था। श्रीराम के जन्म के पूर्व हनुमानजी का जन्म हुआ था। प्रभु श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व अयोध्या में हुआ था। हनुमान का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन हुआ था। 2.कल्प के अंत तक सशरीर रहेंगे हनुमानजी 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔹🔸🔸🔹🔸🔸 इंद्र से उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान मिला। श्रीराम के वरदान अनुसार कल्प का अंत होने पर उन्हें उनके सायुज्य की प्राप्ति होगी। सीता माता के वरदान अनुसार वे चिरजीवी रहेंगे। इसी वरदान के चलते द्वापर युग में हनुमानजी भीम और अर्जुन की परीक्षा लेते हैं। कलियुग में वे तुलसीदासजी को दर्शन देते हैं। ये वचन हनुमानजी ने ही तुलसीदासजी से कहे थे- 'चित्रकूट के घाट पै, भई संतन के भीर। तुलसीदास चंदन घिसै, तिलक देत रघुबीर।।' श्रीमद् भागवत अनुसार हनुमानजी कलियुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं। 3.कपि नामक वानर 🔸🔸🔹🔹🔸🔸 हनुमानजी का जन्म कपि नामक वानर जाति में हुआ था। रामायणादि ग्रंथों में हनुमानजी और उनके सजातीय बांधव सुग्रीव अंगदादि के नाम के साथ 'वानर, कपि, शाखामृग, प्लवंगम' आदि विशेषण प्रयुक्त किए गए। उनकी पुच्छ, लांगूल, बाल्धी और लाम से लंकादहन इसका प्रमाण है कि वे वानर थे। रामायण में वाल्मीकिजी ने जहां उन्हें विशिष्ट पंडित, राजनीति में धुरंधर और वीर-शिरोमणि प्रकट किया है, वहीं उनको लोमश ओर पुच्छधारी भी शतश: प्रमाणों में व्यक्त किया है। अत: सिद्ध होता है कि वे जाति से वानर थे। 4. हनुमान परिवार 🔸🔸🔹🔸🔸 हनुमानजी की माता का अंजनी पूर्वजन्म में पुंजिकस्थला नामक अप्सरा थीं। उनके पिता का नाम कपिराज केसरी था। ब्रह्मांडपुराण अनुसार हनुमानजी सबसे बड़े भाई हैं। उनके बाद मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान थे। कहते हैं कि जब वर्षों तक केसरी से अंजना को कोई पुत्र नहीं हुआ तो पवनदेव के आशिर्वाद से उन्हें पुत्र प्राप्त हुआ। इसीलिए हनुमानजी को पवनपुत्र भी कहते हैं। कुंति पुत्र भीम भी पवनपुत्र हैं। हनुमानजी रुद्रावतार हैं। पराशर संहिता अनुसार सूर्यदेव की शिक्षा देने की शर्त अनुसार हनुमानजी को सुवर्चला नामक स्त्री से विवाह करना पड़ा था। 5. इन बाधाओं से बचाते हैं हनुमानजी 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 रोग और शोक, भूत-पिशाच, शनि, राहु-केतु और अन्य ग्रह बाधा, कोर्ट-कचहरी-जेल बंधन, मारण-सम्मोहन-उच्चाटन, घटना-दुर्घटना से बचना, मंगल दोष, पितृदोष, कर्ज, संताप, बेरोजगारी, तनाव या चिंता, शत्रु बाधा, मायावी जाल आदि से हनुमानजी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। 6. हनुमानजी के पराक्रम 🔸🔸🔹🔸🔹🔸🔸 हनुमान सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वत्र हैं। बचपन में उन्होंने सूर्य को निकल लिया था। एक ही छलांक में वे समुद्र लांघ गए थे। उन्होंने समुद्र में राक्षसी माया का वध किया। लंका में घुसते ही उन्होंने लंकिनी और अन्य राक्षसों के वध कर दिया। अशोक वाटिका को उजाड़कर अक्षय कुमार का वध कर दिया। जब उनकी पूछ में आग लगाई गई तो उन्हों लंका जला दी। उन्होंने सीता को अंगुठी दी, विभिषण को राम से मिलाया। हिमालय से एक पहाड़ उठाकर ले आए और लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की। इस बीच उन्होंने कालनेमि राक्षस का वध कर दिया। पाताल लोक में जाकर राम-लक्ष्मण को छुड़ाया और अहिरावण का वध किया। उन्होंने सत्यभामा, गरूढ़, सुदर्शन, भीम और अर्जुन का घमंड चूर चूर कर दिया था। हनुमानजी के ऐसे सैंकड़ों पराक्रम हैं। 7.हनुमाजी पर लिखे गए ग्रंथ 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 तुलसीदासजी ने हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बहुक, हनुमान साठिका, संकटमोचन हनुमानाष्टक, आदि अनेक स्तोत्र लिखे। तुलसीदासजी के पहले भी कई संतों और साधुओं ने हनुमानजी की श्रद्धा में स्तुति लिखी है। Gadadhari Hanuman Ji Ki Jai Bajrangbali Hanuman Mahabali Veer Hanuman Bajrangbali Ki Veer Hanuman Bajrangbali Hanuman Ji Ki Jai Shri Ram Bhakt Hanuman Ji Ki Jai Lord Hanuman Images HD God Hanuman Praying Lord Rama Image Hanuman Bhagwan Ji Photos Hanuman Ji Ashirwad Images Lord Hanuman Ji Ramayan Photos Lord Hanuman Ram Sita Images Hanuman Pavanputra Images Lord Hanuman Panchmukhi Photos Lord Hanumana HD Painting Mahaveer Hanuman Ji Photos Panchmukhi Hanuman Ji Image Photos of Wallpaper Rambhakt Hanuman Pic Photos Rambhakt Hanuman Ji Photos Maha Balshali Hanuman Ji Photos Rambhakt Hanuman Photos Lord Hanuman HD Pictures Panchmukhi Hanuman Photos HD Shri Hanuman Images Shri Hanuman Photos Hanuman Pics HD Veer Hanuman Statue Veer Hanuman Ji Pics Veer Hanuman HD Image Sri Hanuman Photos in HD Sri Anjaneya Photos Panchmukhi Hanuman Images Shri Hanuman Statue Maruti Hanuman Pictures HD Mahabalshali Sri Hanuman Ji Ki Photos Lord Sri Hanuman Photo Lord Hanumana Photos Hanuman Panchmukhi Photos Jai Veer Hanuman Pics Jay Hanuman Photos Hanuman Ji Real Photo Hanuman Ji Photos Hanuman Ji Photos Gallery Hanuman Ji Photo Gallery Hanuman Ji Ki Photo God Hanuman HD Images God Hanuman Photo Images God Hanuman Photos God Hanuman Wallpaper Hanuman Bajrangbali Photo Anjaneya Hanuman Photos Anjaneya Swamy Photos Bajrangbali Hanuman Images Bajrangbali Hanuman Ki Photo Awesome Lord Hanuman Images Best Hanuman HD Images in 2019 Download Free HD Wallpapers of Shree Hanuman Download the Perfect Hanuman Pictures World’s Best Lord Hanuman Pictures Bhakt Hanuman Wallpaper इंद्रादि देवताओं के बाद हनुमानजी पर विभीषण ने हनुमान वडवानल स्तोत्र की रचना की। समर्थ रामदास द्वारा मारुती स्तोत्र रचा गया। आनंद रामायण में हनुमान स्तुति एवं उनके द्वादश नाम मिलते हैं। इसके अलावा कालांतर में उन पर हजारों वंदना, प्रार्थना, स्त्रोत, स्तुति, मंत्र, भजन लिखे गए हैं। गुरु गोरखनाथ ने उन पर साबर मंत्रों की रचना की है। 8. माता जगदम्बा के सेवक हनुमानजी 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 रामभक्त हनुमानजी माता जगदम्बा के सेवक भी हैं। हनुमानजी माता के आगे-आगे चलते हैं और भैरवजी पीछे-पीछे। माता के देशभर में जितने भी मंदिर है वहां उनके आसपास हनुमानजी और भैरव के मंदिर जरूर होते हैं। हनुमानजी की खड़ी मुद्रा में और भैरवजी की मुंड मुद्रा में प्रतिमा होती है। कुछ लोग उनकी यह कहानी माता वैष्णोदेवी से जोड़कर देखते हैं। 9. सर्वशक्तिमान हनुमानजी 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 हनुमानजी के पास कई वरदानी शक्तियां थीं लेकिन फिर भी वे बगैर वरदानी शक्तियों के भी शक्तिशाली थे। ब्रह्मदेव ने हनुमानजी को तीन वरदान दिए थे, जिनमें उन पर ब्रह्मास्त्र बेअसर होना भी शामिल था, जो अशोकवाटिका में काम आया। सभी देवताओं के पास अपनी अपनी शक्तियां हैं। जैसे विष्णु के पास लक्ष्मी, महेश के पास पार्वती और ब्रह्मा के पास सरस्वती। हनुमानजी के पास खुद की शक्ति है। इस ब्रह्मांड में ईश्वर के बाद यदि कोई एक शक्ति है तो वह है हनुमानजी। महावीर विक्रम बजरंगबली के समक्ष किसी भी प्रकार की मायावी शक्ति ठहर नहीं सकती। 10. इन्होंने देखा हनुमानजी को 🔸🔸🔹🔸🔸🔹🔸🔸 13वीं शताब्दी में माध्वाचार्य, 16वीं शताब्दी में तुलसीदास, 17वीं शताब्दी में रामदास, राघवेन्द्र स्वामी और 20वीं शताब्दी में स्वामी रामदास हनुमान को देखने का दावा करते हैं। हनुमानजी त्रेता में श्रीराम, द्वापर में श्रीकृष्ण और अर्जुन और कलिकाल में रामभक्तों की सहायता करते हैं। You may also like: भज गोविन्दम् भज गोविन्दम् भज गोविन्दम् भज गोविन्दम् भज गोविन्दम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित प्रसिद्ध स्तोत्र है। यह मूल रूप से बारह पदों में सरल श्री हनुमान जी के यंत्र से मिलेगी सभी कष्टों से मुक्ति श्री हनुमान जी के यंत्र से मिलेगी सभी कष्टों से मुक्ति श्री हनुमान जी के यंत्र से मिलेगी सभी कष्टों से मुक्ति हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार यंत्र द्वारा किसी भी देव या दे श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा माँ विन्ध्येश्वरी रूप भी माता का एक भक्त वत्सल रूप है और कहा जाता है कि यदि कोई भी पौराणिक कथा - क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल पौराणिक कथा - क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल पौराणिक कथा – क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल पौराणिक कथा – क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल :- कथा इस प्रकार है शास्त्रों हनुमान जी की अतुलित शक्तियों का राज हनुमान जी की अतुलित शक्तियों का राज हनुमान जी की अतुलित शक्तियों का राज हनुमान जी की अतुलित शक्तियों का राज हनुमान जी की अतुलित शक्तियों का राज रामभक्त हन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्रम श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्रम श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्रम ॐ श्री परमात्मने नमः । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । अथ श्रीविष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्रम यस कथा: हनुमान गाथा (Katha Hanuman Gatha) कथा: हनुमान गाथा (Katha Hanuman Gatha) कथा: हनुमान गाथा (Katha Hanuman Gatha) हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं । वीरों के वीर उ रुद्राष्टकम् रुद्राष्टकम् रुद्राष्टकम् रुद्राष्टकम् श्री रुद्राष्टकम् (संस्कृत:श्री रुद्राष्टकम्) स्तोत्र तुलसीदास द्वारा भगवान् शिव की स्तुति ह ⚡ by shareaholic . ads by shareaholic Bhakti Sagar Hanuman Reactions * * * * * * * Newer अभिषेक - राजतिलक का स्नान जो राज्यारोहण को वैध करता था * Older श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम् (Shri Hanumat Pancharatnam) POSTED BY WEBMASTER YOU MAY LIKE THESE POSTS * BHAKTI SAGAR June 18, 2022 * श्री हनुमानजी के 10 रहस्य ...... 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